लातेहार
डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता व अखंडता के लिए बलिदान दिया: प्रवीण सिंह

लातेहार। भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्म दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष पंकज सिंह ने किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश कार्य समिति सदस्य सह पूर्व विधान पार्षद प्रवीण सिंह उपस्थित थे. संगोष्ठी का शुभारंभ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के तस्वीर के समक्ष दीप प्रवजलन एवं पुष्पांजलि कर किया गया. मौके पर वरिष्ठ भाजपाई सह जनसंघी राम लगन सिंह श्री सिंह ने अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया.
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री सिंह ने कहा कि डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी जनसंघ के संस्थापक थे. उन्होंने एक देश में दो निशान दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे का एक ऐतिहासिक नारा दिया. भारत की एकता एवं अखंडता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, महान शिक्षाविद व पथ प्रदर्शक थे. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश की एकता एवं देशवासियों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. डॉ मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता की उपासक और सिद्धांत वादी थे. उन्होंने बहुत से गैर कांग्रेसी हिंदुओं की मदद से कृषक प्रजापति से मिलकर प्रगतिशील गठबंधन का निर्माण किया.
इस सरकार में हुए वित्त मंत्री बने. इसी समय में सावरकर के राष्ट्रवाद के प्रति आकर्षित हुए और हिंदू का महासभा में सम्मिलित हुए डॉ मुख़र्जी धर्म के प्रबल समर्थक थे. संगोष्ठी के पश्चात मुख्य अतिथि के द्वारा एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण किया गया. कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री बंसी यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला के महामंत्री सह सांसद प्रतिनिधि अमलेश सिंह ने किया.
इस अवसर पर पूर्व जिला अध्यक्ष लाल कौशल नाथ शाहदेव, राजधानी प्रसाद यादव, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश मंत्री इंद्रजीत यादव, जिला उपाध्यक्ष रेणु देवी, राकेश कुमार दुबे,उ षा देवी, जिला मंत्री आशा देवी, जिला कोषाध्यक्ष विष्णु देव प्रसाद गुप्ता, अधिवक्ता राजीव रंजन पांडेय, रामदेव सिंह, उज्जवल महलका, भानू सिन्हा, प्रिया रंजन प्रसाद, सुरेश सोनी, अनिल सिंह, पवन प्रसाद, सुभाष सिंह, मुंन्द्रिका सिंह, सुकन्या देवी, बाल गोविंद प्रसाद, सुरेश उरांव, पिंटू रजक, मंडल अध्यक्ष विवेक चंद्रवंशी,अखिलेश भोगता, गौरव दास, राजू दास, सोनू सिंह, राजबली भुईया व बालेश्वर सिंह आदि मौजूद थे.




