


इस वर्ष भी शारदीय नवरात्र की पहली तिथि 22 सितंबर से 52 वां अधिवेशन प्रारंभ किया गया है. शुभम संवाद से बातचीत करते हुए महायज्ञ समिति के मुख्य संरक्षक सह पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम ने बताया कि महायज्ञ परिसर ठीक सामने सड़क उस पार शहर का जामा मस्जिद अवस्थित है. इन 51 सालों में दोनो संप्रदाय के लोगों ने यहां सामाजिक और सांप्रदायिक सोहार्द की मिशाल पेश की है. आज तक कभी भी कोई मनमुठाव या तनाव की परिस्थिति उतपन्न नहीं हुई.
नवरात्र के अवसर पर जब भी शुक्रवार जामा मस्जिद में नमाज होता है उस समय महायज्ञ समिति के द्वारा लाउउस्पीकर को बंद कर दिया जाता है या फिर उसकी आवाज धीमी कर दी जाती है. या फिर मजिस्द की आवाज कम हो जाती है. अक्सर देखा जाता है कि मुस्लिम से बहुल क्षेत्रों में ही मस्जिदें होती है. लेकिन लातेहार में जिस स्थान पर जामा मस्जिद है, उसके आसपास मुस्लिम समुदाय का एक भी घर नहीं है. प्रत्येक शुक्रवार को यहां काफी संख्या में को समुदाय के लोग नमाज अदा करने आते हैं. उन्होने कहा कि पिछले 51 वर्षों से अंबाकोठी में यह आयोजन होता आ रहा है. इस आयोजन में मुस्लिम समुदाय के लोगों का भी सहयोग मिलता है. उन्होने बताया कि इन 51 सालों में महायज्ञ समिति ने काफी उतार चढ़ाव देखे हैं. 