



प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 जून को दोपहर श्रम अधीक्षक द्वारा ग्राम बुकरू स्थित बाबा मार्का ईंट भट्ठा का निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण के दौरान भट्ठे में तीन बाल श्रमिक कार्यरत पाए गए, जिनकी उम्र लगभग 12 वर्ष से कम थी. जो बाल एवं किशोर श्रमिक अधिनियम 2016 की धारा-3(1) का उल्लंघन है.
जिसके तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी कार्य में नियोजित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है. इन तीनों बच्चों को नियोजित करने के लिए ईंट भट्ठा मालिक राजेन्द्र यादव, पिता- भुलन यादव, ग्राम बुकरू, थाना- बालूमाथ को दोषी पाया गया है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रति बाल श्रमिक ₹20,000 के हिसाब से कुल ₹60,000 का जुर्माना लातेहार जिले के बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा करने की सिफारिश की गई है.
इस मामले में यह भी सामने आया है कि एक बाल श्रमिक के माता पिता को अब तक ₹3,500 की मजदूरी नहीं दी गई है. श्रम अधीक्षक ने पत्र में इस बकाया राशि के शीघ्र भुगतान का भी निर्देश दिया है. श्रम अधीक्षक ने बालूमाथ थाना प्रभारी से इस मामले में अविलंब एफआईआर दर्ज करने और नियोजक के खिलाफ संज्ञेय अपराध की श्रेणी में कार्रवाई करने का आग्रह किया था.. ज्ञात हो कि मासियातू, होलांग, सेरक, रजवार, कुरियाम समेत कई क्षेत्र में संचालित ईट भट्टे में धड़ल्ले से बाल मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है.