


लातेहार। शुक्रवार को शहर के करकट स्थित होटल सेलिब्रेशन इन परिसर में शिव गुरु संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर श्री हरुद्रानंद के ज्येष्ट पुत्र भैया अर्चित आनंद एवं पुत्र वधू बरखा आनंद ने भाग लिया.
उन्होने अपने संबोधन में कहा कि शिव केवल नाम के नहीं, अपितु काम के गुरु हैं और उनका शिष्य बनने से ज्ञान, सद्भाव और मानवता की सेवा का मार्ग प्रशस्त होता है. भगवान शिव को अपना गुरु बनाईए. अपने यहां आडंबर नहीं, अंधविश्वास नहीं है. सिर्फ शिव के प्रति आस्था रखना है. इंसान धर्म व जाति में बट गये. जातियों में भी कुल व गोत्र में बंट गये. शिव को आदि गुरु और जगतगुरु माना जाता है, जो सभी जाति, धर्म, लिंग और संप्रदाय से परे हैं.
आज हमारा शिव परिवार सभी को जोड़ने का काम कर रहा है. साहब श्री हरिद्रानंद जी का अरमानों को पूरा करना है. हर इंसान के दिलों में शिव को बसाना है. मन ही मन शिव से कहना कि हे शिव, आप मेरे गुरु हैं, मैं आपका शिष्य हूँ. अगर आपने शिव को अपना गुरू बना लिया तो जीवन के सभी कष्ट दूर हो जायेगें.
कार्यक्रम में मुख्य रूप में नूनू मलार फूलचंद, सुरेश सिंह, दशरथ, त्रिवेणी, संतोष, त्रिपु, रामसेवक, रामेश्वर, अंजू, अनीता, सुनीता, लक्ष्मी, शीला, तेतरी, बालेश्वर सिंह, राजेंद्र तूरी व चंद्रिका समेंत काफी संख्या में महिला व पुरूष शिव भक्त मौजूद थे.
