लातेहार
पारा शिक्षक विषम परिस्थतियों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं, फिर भी कर रहे हैं टॉप: अतुल


बावजूद इसके पारा शिक्षक के बच्चे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि पारा शिक्षक बहुत कम मानदेय पर अपने परिवार और अपने बच्चें का लालन पालन कर रहे हैं. उन्होने कहा कि झारखंड राज्य के साठ हजार पारा शिक्षकों के साथ आखिर कब न्याय मिलेगा. बीस वर्षों से अल्प मानदेय में बिना किसी सेवा शर्त नियमावली के प्राथमिक शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे है.
पारा शिक्षक राज्य या केंद्र सरकार के हर कार्य को बखूबी भी करते आ रहे है. आज किसी पारा शिक्षक की मौत पर सरकार एक रुपया नहीं देती है. नियमावली और एक हजार की बढ़ोतरी सिर्फ फाइलों की शोभा बढ़ाते आ रहे है. लातेहार के पूर्व मंत्री बैजनाथ राम द्वारा जो समझौता किया गया था उसे भी आज तक लागू नहीं किया गया. आज शिक्षा के क्षेत्र में पारा शिक्षक के बेटा- बेटी टॉप कर रहे है और कितना प्रमाण चाहिए कि पारा शिक्षकों को उनका वर्षों पुरानी वेतनमान को सरकार पूरा कर सके. खुद का किया वादा को सरकार आंख बंद कर सिर्फ समय गुजार रही है और दिन प्रतिदिन एक एक शिक्षक इस दुनिया को छोड़ रहे है. 