लातेहार
रामायण सेवा, त्याग व संंस्कारों का अमृत स्त्रोत है: ध्रुवाचार्य जी महाराज


जिस पर प्रभु की कृपा होती है, वही सत्संग में भगवान की कथा सुनने आते हैं. उन्होंने कथा के दौरान भगवान श्रीराम के जन्म के प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया. उन्होने रामायण को सेवा, त्याग व संस्कारों का अमृत स्रोत बताया. कथावाचक ने कहा कि आज का मनुष्य छल और कपट से जीवन यापन कर रहा है, यदि उसे जीवन के भवसागर से पार पाना है तो उसे भगवत भक्ति का सहारा लेना होगा. बिना भक्ति के मोक्ष प्राप्त करना असंभव है. भगवान श्री राम की आरती के बाद कथा का समापन हुआ.
इससे पहले उदघाटन नगर प्रशासक राजीव रंजन, सदर थाना प्रभारी रामाकांत गुप्ता, एसटी/एससी थाना प्रभारी भागीरथ पासवान व पूजा समिति के अध्यक्ष असीम कुमार बाग ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर एवं कथावाचक को फुल का माला पहना कर उद्घाटन किया. पूजा समिति के अध्यक्ष असीम कुमार बाग ने बताया कि 30 सितंबर तक प्रतिदिन रात्रि 8 से 11 बजे तक संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन किया जायेगा. उन्होंने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं से कथा श्रवण कर लाभ लेने की अपील की है.
मौके पर समिति के अध्यक्ष असीम कुमार बाग, संजय कुमार सिन्हा, किशोरी प्रसाद गुप्ता, मनोज गुप्ता, श्याम किशोर तिवारी, जयराम कपूर, जीतेन्द्र प्रसाद, मुकेश गुप्ता समेत कई लोग मौजूद थे.