चंदवा (लातेहार)। उपर तसवीर में दिख रही सुरंग पाताल लोक जाने का कोई रास्ता नहीं है. बल्कि यहां से कोयला निकलते हैं. चंदवा के सिकनी गांव के एक जंगल में यह सुरंग है. यहां से गांव के बेरोजगार युवक अपना परिवार चलाने के लिए अपने जीवन को दांव पर लगाकर सुरंग के अंदर प्रवेश करते हैं और अवैध तरीके से कोयला निकाल कर साईकिल से नजदीक के बाजार में बेचते हैं.
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यह सुरंग घने जंगलों के बीच बनी है. अगर किसी कारणवश यहां दुर्घटना घटती है तो किसी को पता भी नहीं चल पाएगा की इस सुरंग के अंदर कुछ हुआ और कितने लोग अंदर फंसे हैं. सुरंग कितनी बड़ी है कि बाहर से देख कर कुछ बताया नहीं जा सकता है. इस सुरंग में एक साथ तीन चार लोग बिना किसी सुरक्षा उपकरण के अंदर चले जाते हैं और घंटो अंदर रहकर कोयला काटते हैं. उसकी आवाज तक बाहर नहीं पहुंच पाती है.
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मजदूर कोयला काटकर अंदर ही बोरी में भरकर अपने पीठ पर लादकर बाहर लाते हैं. कोयला निकालने वाले मजदूर अपने जीवन का परवाह किये बिना अपने पेट और अपने परिवार को पालने के लिए जीवन जाखिम में डाल रहे हैं.