


बता दें कि बता कि शहर में 32 करोड़ की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना का क्रियान्नवयन किया गया है. नगर विकास विभाग की कार्यकारी एजेंसी जूडको के द्वारा से बनाया गया है. इसके तहत तीन जलमीनार बनाये गये हैं और नगर पंचायत के सभी वार्डों में पाइप लाइन बिछाया गया है. यह योजना प्रारंभ से ही विवादों में रही है. योजना में अनियमिता का आरोप न सिर्फ स्थानीय लोग वरन नगर पंचायत के वार्ड पार्षदों ने भी लगाया था.
बाद में रांची की टीम ने योजना की जांच की थी. जांच में अधिकारियों ने व्यापक अनियमितता पायी थी. पाइप लाइन कहीं एक फीट तो कहीं सड़क के ऊपर ही पाया गया था. जबकि पाइप लाइन को कम से कम तीन फीट गहराई मे बिछाना था. इस कारण आये दिन शहर के किसी ने किसी मुहल्ला में पाइप लाइन फटने की शिकायत मिलती है.