श्री दुबे की अदालत ने मामले की सुनवाई के उपरांत आरोपी को भादवि की धारा 376 (1) एवं 307 के तहत आरोप सिद्ध पाया। उक्त मामले को बचाव पक्ष एलएडीसी के द्वारा बहस किया गया। श्री दुबे की अदालत ने आरोपी के विरुद्ध मामला साबित होने पर उन्हें भादवि की धारा 376 एवं 307 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं क्रमशः चार लाख एवं तीन लाख रुपए जुर्माना की सजा तथा जुर्माना नहीं दिए जाने पर दो दो वर्षों की साधारण कारावास की सुनाया है। श्री दुबे की अदालत ने सभी सजाएं अलग-अलग चलाने का आदेश पारित किया है।
इस बहुचर्चित मामले में फैसला आने के बाद सूचक एवं उसके परिजनों ने न्यायालय के प्रति अपनी भरोसा को दोहराया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें न्याय मिली है।