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पिछले तीन दशकों से पुलिस की हर गतिविधि पर छोटू खरवार की नजर रहती थी. नतीजतन पुलिस को कभी भी सफलता हाथ नहीं लगी. अंततः आपसी रंजिश में ही वह मारा गया. नावाडीह चकलावा टोला निवासियों की अगर बातों को माना जाए तो उनका दावा है कि नावाडीह निवासी माओवादी मृत्युंजय जी उर्फ फ्रेश भुइंया ने इस घटना को अंजाम दिया है. बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से इन दोनों माओवादियों में काफी खटपट चल रहा था.