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मनरेगा योजना में भारी गड़बड़ी का खुलासा: मृत व्यक्ति के नाम पर निकासी
Huge irregularities revealed in MNREGA scheme: Withdrawal in the name of dead person

लातेहार। चंदवा प्रखंड के डुमारो पंचायत के निंद्रा ग्राम में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भारी गड़बड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि दलालों और पंचायत प्रतिनिधियों की मिलीभगत से योजनाएं कागजों पर संचालित कर फर्जी तरीके से मजदूरी की राशि की निकासी की जा रही है।ग्रामीणों का कहना है कि दर्जनों लाभुकों को बिना जानकारी के उनके नाम से मनरेगा योजनाओं की डिमांड लगाकर पैसे निकाले जा रहे हैं, जबकि कार्य धरातल पर कहीं नहीं दिखता। यहां तक कि मृतक महाजर मुंडा के नाम पर भी मजदूरी की निकासी की गई है।
ग्रामीणों ने दावा किया है कि स्थानीय प्रज्ञा केंद्र की मिलीभगत से लगभग 150 मजदूरों का आधार कार्ड लेकर उनके नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले गए, जिनसे लाखों करोड़ों रुपये की अवैध निकासी की गई है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब ग्रामीणों ने स्वयं योजना की जांच शुरू की और कई लोगों के नाम पर योजनाओं के संचालन की जानकारी प्राप्त की, जिनको इसकी भनक तक नहीं थी। जागरूकता अभियान चलाने के बाद ग्रामीणों ने गांव में बैठक कर सामूहिक निर्णय लेते हुए मंगलवार को लातेहार समाहरणालय पहुंचकर उपविकास आयुक्त को लिखित शिकायत सौंपी।
ग्रामीणों ने शिकायत में कहा कि बीरेन्द्र यादव, प्रफुल यादव जैसे स्थानीय दलाल पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक और कुछ विभागीय कर्मियों के साथ मिलकर आदिवासी मजदूरों के नाम पर फर्जी निकासी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों की छात्रवृत्ति और किसानों की अन्य योजनाओं की राशि भी अवैध रूप से निकाली जा रही है।
आगे ग्रामीणों ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष व गहन जांच हो,दोषी पंचायत प्रतिनिधियों, सचिवों, दलालों और विभागीय कर्मियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए,सभी मजदूरों को उनका वास्तविक मेहनताना दिलाया जाए,मनरेगा लाभुकों की सूची सार्वजनिक रूप से जांची जाए,मजदूरों के बैंक खातों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए ग्रामीणों ने प्रशासन को चेताया है कि यदि समय रहते इस भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो वे व्यापक जन आंदोलन को बाध्य होंगे।





