राज्य
स्थानीय निवासी लक्ष्मण जायसवाल, संजय तिग्गा प्रदीप कुमार,कैलाश जयसवाल ,संजू कुमार शेखर कुमार आदि ने बताया कि महुआडांड़ बस स्टैंड की नीलामी से सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपए का राजस्व की आमदनी होती है. बावजूद इसके यहां सुविधा के नाम पर एक शौचालय भी उपलब्ध नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय नहीं रहने के कारण महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने इस पर संज्ञान लेते हुए बस स्टैंड के परिसर में बनाए गए शौचालय को आम लोगों के लिए खोलने की मांग की है.