अपराध
पीएलएफआई का एक लाख का इनामी उग्रवादी ने किया सरेंडर

लातेहार। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) का एक लाख रुपये का इनामी उग्रवादी आलोक यादव उर्फ चंद्रशेखर कुमार यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया है. वह जिले के बालुमाथ के भगिया गांव का रहने वाला है. उसने शुक्रवार को सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर रपुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट यादराम सिंह बुनकर एवं एसएसबी-32 बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार के समक्ष सरेंडर कर किया. इस दौरान आलोक यादव ने एक लोहे का देशी कट्टा, चार जिंदा गोलियां तथा संगठन से जुड़ी वर्दी पुलिस को सौंपें.

आलोक यादव के खिलाफ हत्या,17 सीएलए, आर्म्स एक्ट, रंगदारी, धमकी जैसे संगीन मामलों में कुल 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें रांची जिले में 19, लातेहार में 10 और चतरा जिले में छह मामले शामिल हैं. पुलिस मुख्यालय में आयोजित इस सरेंडर कार्यक्रम में एसपी श्री गौरव व पुलिस एवं केंद्रीय बलों के अधिकारियों ने उसे माला पहना कर और शॉल भेंट कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का स्वागत किया. अधिकारियों ने उसे घोषित एक लाख रुपये के इनाम की राशि का प्रतीकात्मक चेक भी प्रदान किया.
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए एसपी श्री गौरव ने कहा कि लातेहार जिले में उग्रवाद अब अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. अब तक कई वांटेड उग्रवादी मारे जा चुके हैं. कईयों ने नक्सल विरोधी अभियानों और सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण नीति के कारण उग्रवादी मुख्यधारा में लौट चुक हैं. उन्होने शेष उग्रवादियों से भी सरेंडर करने की अपील की.

कहा कि अगर वे सरेंडर नहीं करते हैं तो पुलिस की गोली से मारे जायेगें. सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट यादराम सिंह बुनकर और एसएसबी-32 बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार ने भी कहा कि उग्रवादी जंगल और हिंसा का रास्ता का छोड़कर समाज के मुख्यधारा में लौटें. सरकार उन्हें अवसर दे रही है. उन्होने कहा कि जिला पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा संयुक्त रूप से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं और इसका सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है. मौके पर सीआरपीएफ के द्वितीय कमांडेंट आरसी मिश्रा, एसडीपीओ अरविंद कुमार, चंदवा थाना प्रभारी रणधीर सिंह, इंस्पेक्टर प्रमोद सिन्हा आदि मौजूद थे.




