बरवाडीह
एक अदद सरकारी आवास के लिए वर्षों से चक्कर काट रही महिला


अब तक उसे कोई लाभ नहीं मिल पाया है. हैरानी तो यह है कि उसका नाम अबुआ आवास योजना की सूची में भी दर्ज है. जब पंचायत के मुखिया जितेंद्र सिंह से पूछा गया तो उन्होने बताया कि यह सही है कि महिला का नाम सूची में है. लेकिन जब तक उसकी बारी नहीं आयेगी, उसे आवास नहीं मिलेगा. बारी आने के बाद ही आवास योजना का लाभ मिल पायेगा. अब यहां वाजिब सवाल यह उठता है कि आखिर प्रखंड प्रशासन किस आधार पर प्राथमिकता तय करता है. किसे कब आवास योजना का लाभ मिलेगा, इसकी अर्हता क्या है. उक्त महिला को आखिर क्यों अब तक आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया. इसका जवाब किसी के पास नहीं है. बीते वर्ष ही प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और आवास समन्वयक को पत्रकार के माध्यम से जानकारी दी गई है. उस दौरान मुखिया और पंचायत सेवक द्वारा महिला के घर जाकर घर का मुआयना किया था.
बता दें कि महिला का घर दो साल पहले बारिश में आंशिक रूप से ढह गया था. अब जो हिस्सा बचा है, वह भी पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और किसी भी समय गिर सकता है. महिला अपने दो बेटों के साथ इसी खस्ताहाल मकान में छत में प्लास्टिक डालकर किसी तरह रह रही है. उसका पति बाहर मजदूरी करता है.