महुआडांड़ (लातेहार)। महुआडाड़ प्रखंड मुख्यालय से महज एक से दो किलोमीटर दूरी पर स्थित अंबाटोली पंचायत का रिगड़ी टांड़ टोला है. तकरीबन 70 से 80 घर के लोगों को विभाग के द्वारा बिजली उपभोक्ता बनाया गया हैं. ये लोग बिजली उपयोग करने के बदले में हर महीने बिजली का बिल भरते हैं. लेकिन हैरानी तो यह है कि इन घरों तक बिजली विभाग के द्वारा न तो कोई पोल लगाया गया है और ना ही कोई तार खींचा गया है.
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टोला के परदेसी मुंडा, संजय बड़ाईक, मंटू बिरिजया, बुधनी देवी, मीनू बड़ाईक और जैस्मिन केरकेट्टा समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित वन विभाग कार्यालय के पास एक बिजली का खंंभा लगा है. उसी खंभे से बांस के सहारे अपने घरों तक बिजली का तार लाकर बिजली जला रहे हैं. उन्होने बताया कि तीन से चार घर के लोग मिलकर बांस के सहारे तार बस्ती तक लाते हैं. वहां से अपने-अपने घरों में बिजली का उपयोग करते हैं. प्रत्येक घर से दो से तीन हजार रुपए अतिरिक्त ख़र्च करना पड़ता है. वही तार में अधिक लोड पड़ने के कारण बार बार खराब हो जाता है.
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चिंतामणि देवी, सुनीता देवी, संगीता देवी, सीमा देवी, सुमित्रा देवी आदि ने बताया कि अधिक संख्या में तार एक जगह जमा होने के बाद बरसात में विशेष परेशानी उठानी पड़ती है. बारिश के दौरान बिजली कड़कने से तारों में चिंगारियां सी निकलती है. इस संबंध में कई बार प्रशासन और बिजली विभाग के अधिकारियों समेंत जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत की जा चुकी है, बावजूद इन 15 सालों में इस समस्या पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया.
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हालांकि बिजली विभाग के द्वारा इस क्षेत्र में बिजली के खंभे लाकर रख तो दिए गए हैं लेकिन खंंभा लगाने एवं तार खींचने में विभाग के द्वारा हमेशा बहानेबाजी की जाती है. ग्रामीणों ने ट्रांसफार्मर समेत बिजली के खंभे व तार लगाने की मांग प्रशासन से की है.