लातेहार। पुलिस की लाख सख्ती और कार्रवाई के बावजूद जिले में अवैध रूप से की जा रही अफीम की खेती रूकने का नाम नहीं ले रही है. प्रति दिन जिले के किसी ने किसी थाना क्षेत्र में पुलिस अफीम की लगी अवैध फसल को नष्ट कर रही है. लेकिन इस बार पुलिस ने पहली बार बुलडोजर का प्रयोग कर अफीम की खेती को नष्ट किया है.
Advertisement
दरअसल लातेहार एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली थी कि हेरहंज थाना क्षेत्र में स्थित महुआटांड़ जंगल में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है. सूचना के बाद बालूमाथ एसडीपीओ विनोद रवानी और थाना प्रभारी कृष्ण पाल पवैया के नेतृत्व में एक छापामारी टीम का गठन किया गया. इसके बाद टीम के द्वारा अफीम की खेती के खिलाफ छापेमारी की गई.
Advertisement
लेकिन पुलिस के सामने यहां यह चुनौति थी कि जहां अफीम की खेती की गई थी वहां आने- जाने का कोई रास्ता नहीं था. लेकिन पुलिस भी पीछे हटने वाली नहीं थी. तकरीबन 18 से 20 किलोमीटर की दूरी जंगली रास्ते में तय कर चिन्हित स्थान तक पहुंची. यहां जिला पुलिस, सीआरपीएफ तथा आईआरबी के जवानों की मदद से अफीम के फसल को पूरी तरह नष्ट किया गया. अफीम की फसल के खिलाफ पहली बार पुलिस के द्वारा बुलडोजर का उपयोग किया गया.
Advertisement
एसडीपीओ विनोद रवानी ने बताया कि लगभग 40 से 45 एकड़ भूमि में लगे अफीम के फसल को नष्ट कर दिया गया है. पुलिस ने सिर्फ हेरहंज थाना क्षेत्र में अब तक 100 एकड़ से अधिक भूमि में लगे अफीम के फसल को नष्ट कर चुकी है. थाना प्रभारी कृष्ण पाल सिंह पवैया ने बताया कि पुलिस यह पता लगा रही है कि किसने यहां अफीम की खेती की थी.
Advertisement
जांच के बाद दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि जहां अफीम की फसल को नष्ट किया गया है वह स्थान काफी बीहड़ इलाका माना जाता है. पूरी तरह निर्जन और पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां पहुंचना काफी मुश्किल है.
Advertisement
यह इलाका लातेहार, पलामू और चतरा जिले के बॉर्डर पर स्थित है. चारों ओर से पहाड़ियों से घिरे रहने के कारण यहां वन विभाग के लोग भी शायद ही कभी आते होंगे. इसी कारण तस्करों ने जंगल को पूरी तरह उजाड़ कर मैदान बना दिया और उसमें अफीम की खेती करने लगे थे.