लातेहार। मनिका प्रखंड के रेवत कला ग्राम के विस्थापितों ने रेवतकला जलाशय में मछलीपालन हेतु किये गये निबंधन व बंदोस्ती को रद्द करने की मांग की है. इसे ले कर ग्रामीणों ने रविवार को कृषि मंत्री शिल्पी नेता तिर्की को एक आवेदन सौंपा है. आवेदन में विस्थापित सुबोध कुमार, पूनम देवी, एमामूल हसन, संतोष राम, राजमोहन सिंह, शिव शंकर राम, राजेंद्र राम समेंत अन्य विस्थापितों ने कहा है कि मनिका प्रखंड के विशुनबांध पंचायत के रेवत कला ग्राम में रेवत कला जलाशय का निर्माण कराया गया है.
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इस जलाशय योजना में उनकी 13 एकड़ भूमि डूब क्षेत्र में चली गयी है. इस भूमि के अलावा उनके पास और कोई भूमि नहीं है, जिस पर वे खेती बारी कर जीवन यापन कर सकें. ज्ञापन में आगे कहा गया है कि उन्होने उक्त जलाशय में मछलीपालन करने के लिए अंचलाधिकारी से बात की थी अंचल अधिकारी ने एक स्वयं सहायता समूह का गठन कर आवेदन देने की बात कही थी.
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उन्होने समूह का गठन कर आवेदन भी दिया और मनिका से 21 जुलाई 2020 को बंदोबस्ती के लिए आवेदन जिला मत्स्य पदाधिकारी के कार्यालय में भेजा गया. लेकिन उन्हें आज तक बंदोबस्ती नहीं मिला. विस्थापितों ने आरोप लगाया कि गलत तरीके से चयन कर किसी दूसरे समूह को मछलीपालन करने के जलाशय को बंदोबस्ती कर दिया गया है.
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उन्होने कहा कि उस समूह के अध्यक्ष रघुनंदन प्रसाद यादव, सचिव जाहीद अंसारी व कोषाध्यक्ष अताउल रहमान है. जबकि रघुनंदन प्रसाद यादव का एक इंंच जमीन भी डूब क्षेत्र में नहीं है और वह रेवत कला गांव का रहने वाला भी नहीं है. विस्थापितों ने गलत ढंग से की गयी बंदोबस्ती को रद्द करने एवं वास्तविक विस्थापितों को जलाशय में मछलीपान करने के लिए निबंधित करने का आग्रह किया.