मनिका: हार व जीत का गुणा भाग लगा रहे हैं प्रत्याशी
एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला, निर्दलीय नहीं डाल सके खास असर

- त्वरित विश्लेषण
आशीष टैगोर
Latehar: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में लातेहार जिला के मनिका और लातेहार विधानसभा में 13 नवंबर को चुनाव संपन्न हुए. चुनाव कर्मी इवीएम ले कर धीरे-धीरे लौट रहे हैं. इन चुनावों के बाद आंकलन का दौर चालू है. हालांकि सभी दलों के चुनावी कार्यालयों में ताला लग चुके है. हां, इक्का दुक्का कार्यालय अवश्य खुले हैं, जहां पार्टियों के कार्यकर्ता चुनाव में मिले मतदान का गुणा-भाग कर रहे हैं. सभी मतदान केंद्रों के आंकड़ें मंगाये जा रहे हैं. बता दें कि जिले के दोनो विधानसभा क्षेत्रों मे 20 प्रत्याशी अपने चुनावी मैदान में हैं. इनमें लातेहार विधानसभा क्षेत्र के 11 और मनिका विधानसभा क्षेत्र के 09 प्रत्याशी शामिल हैं. मनिका विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के रामचंद्र सिंह और भाजपा के हरिकृष्णा सिंह चुनावी मैदान में थे. जानकारों का कहना है कि मुकाबला इन्ही दो प्रत्याशियों के बीच है. हालांकि निर्दलीय मुनेश्वर यादव और सपा के रघुपाल सिंह चुनाव परिणाम में असर अवश्य डाल सकते हैं. राजनीतज्ञ विश्लेशक बताते हैं कि अगर मुनेश्वर उरांव ने अधिक मत लाया तो रामचंद्र सिंह को नुकसान हो सकता है और अगर रघुपाल सिंह ने अधिक मत लाया लाया तो भाजपा को आंशिक नुकसान दिखता है. बता दें कि मनिका विधानसभा चुनाव हमेशा से ही जातिगत वोट से प्रभावित होता आया है. यहां उरांव, खरवार और चेरो अजजा के वोट ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते आये हैं. जानकार बताते हैं कि इस बार चुनाव में खरवार जाति के वोटो का विकेंद्रीकरण हुआ है. खरवार जाति से हरिकृष्णा सिंह व रघुपाल सिंह मैदान में थे, जानकार बताते हैं कि रघुपाल सिंह को खरवार के अलावा सपा के होने के नाते यादव जाति का भी वोट भी हासिल किया है और ये वोट कांग्रेस के थे. लेकिन ये मत इतना नहीं हैं कि चुनाव परिणाम को बदल सकें. मनिका विधानसभा क्षेत्र में मिशनरियों के वोट भी चुनाव परिणाम में खासा दखल रखते हैं. हालांकि जानकार यह भी बताते हैं कि मिशनरियों का वोट भी इस बार डिवाईड हो गया है. ऐसे में चुनाव परिणाम के लिए मतगणना की तिथि तक इंतजार करना ही बेहतर है. बावजूद इसके मनिका में भाजपा बेहतर स्थिति में अभी तक नजर आ रही है.